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प्रश्न- अभ्यास : प्रश्नोत्तर
पाठ से:
1. निम्नलिखित वाक्यों में सही (v) के सामने सही तथा गलत के सामने गलत (x) का निशान लगाइए ।
( )
(i) आर्यभट्ट एक प्रसिद्ध किसान थे ।
(ii) वे पाटलिपुत्र के रहने वाले थे।
(iii) आर्यभट्ट भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर चक्कर लगाती है ।
(iv) चाँद के प्रकट होने तथा पूरा गायब होने के मध्य एक निश्चित अवधि होती है ।
उत्तर- 1. (i) (x), (ii) (x), (iii) (v), (iv) (v) ।
2. आर्यभट्ट ने कौन-कौन सी खोजें की ?
उत्तर-आर्यभट्ट ने सबसे पहले कहा था कि पृथ्वी गोल है और अपनी धुरी पर चक्कर लगाती है। उन्होंने चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के कारणों पर भी स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि चन्द्रमा और पृथ्वी की परछाई पड़ने से ग्रहण होते हैं। पृथ्वी की छाया जब चन्द्रमा पर पड़ती है तो चन्द्रग्रहण होता है और चन्द्रमा की छाया जब पृथ्वी पर पड़ती है तो सूर्यग्रहण होता है। आर्यभट्ट ने ही आज से हजारों वर्ष पहले बताया था कि चन्द्रमा स्वयं नहीं चमकता बल्कि वह सूर्य के प्रकाश से चमकता है। चाँद के प्रकट होने तथा पूरा गायब होने के मध्य एक निश्चित समय होता है, यह भी उन्होंने ही बताया था। उनकी सबसे बड़ी खोज थी शून्य की, जिसकी उपयोगिता को उन्होंने कुशलता से प्रमाणित किया। अंकगणित, बीजगणित और रेखागणित के अनेक सिद्धान्त भी उन्होंने प्रतिपादित किए।
3. अन्धविश्वास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- जिस विश्वास का आधार वैज्ञानिक न होकर कपोल कल्पना हो, उसे अन्धविश्वास कहते हैं। यह सुनी-सुनायी बातों पर आधारित होता है। अन्धविश्वास का कोई तर्क नहीं होता। अन्धविश्वास ज्ञान की रोशनी को रोक देने बुरा कार्य करता है, जिसे त्याग देना ही उचित है।x
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए
(i) आर्यभट्ट का सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण के विषय में क्या मानना था ?
उत्तर-पृथ्वी की छाया जब चन्द्रमा पर पड़ती है तो चन्द्रग्रहण होता है और चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने से सूर्यग्रहण होता है।
(ii) "आर्यभट्टीय" किन विषयों पर लिखा गया ग्रंथ है ?
उत्तर-'आर्यभट्टीय' गणित और ज्योतिष विषयों पर लिखा गया एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है।
(iii) रवि-मार्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर-सूरज, चाँद तथा नक्षत्र जिन मार्गों से यात्रा करते हैं उसे 'रविमार्ग' कहते हैं ।
(iv) आर्यभट्ट ने जब “आर्यभटीय" की रचना की, उस समय उनकी उम्र कितनी थी ?
उत्तर-'आर्यभट्टीय' की रचना करते वक्त, आर्यभट्ट की उम्र तेईस (23) वर्ष थी।