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प्रश्न- अभ्यास : प्रश्नोत्तर
पाठ से:
1. निम्नलिखित पंक्तियों के अर्थ स्पष्ट कीजिए
(क) इस घाट अपने कपड़े और मवेशियाँ धोते
सोचा है कभी कि उस घाट
पी रहा होगा कोई प्यासा पानी
या कोई स्त्री चढ़ा रही होगी। किसी देवता को अर्घ्य ?
(ख) अगर नहीं तो क्षमा करना!
मुझे तुम्हारे आदमी होने पर संदेह है !!
उत्तर-1 (क) नदी के एक तरफ के घाट पर कुछ लोग अपने गंदे कपड़े साफ कर रहे होते हैं और कुछ लोग उसी नदी के जल से अपने मवेशियों को धोकर नदी के जल को गंदा कर रहे होते हैं। जबकि नदी के दूसरे घाट पर कोई प्यासा उसी गंदे पानी को पी रहा होगा और कोई स्त्री उसी गंदे पानी से देवता की अध्यं चढ़ा रही होगी। कवयित्री, इन पंक्तियों के माध्यम से नदी के जल को स्वच्छ रखने का संदेश दे रही है ।(ख) इन पंक्तियों में कवयित्री कहती है कि यदि तुम अपने आस-पास घट रही चीजों के प्रति सचेत और चिन्तामग्न नहीं हो, तो मुझे तुम्हारे आदमी होने पर संदेह हैं ।