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सारांश
एक बार एक ठग बादशाह अकबर के दरबार में आया वह एक शिकायत लेकर आया था। उसकी शिकायत थी कि उसने अपना कुँआ गोपाल को बेचा था पर उसने पानी का मूल्य नहीं चुकाया और लम्बे समय से उसका पानी इस्तेमाल कर रहा था। बादशाह अकबर ने अपने चतुर मंत्री बीरबल से इस समस्या का हल निकालने को कहा। बीरबल ने उस ठग से कहा कि या तो वह गोपाल के कुँए से अपना सारा पानी निकाल ले या फिर उसके कुँए में अपना पानी रखने का मूल्य चुकाए। अब तो ठग के पास माफी माँगने के सिवा और कोई चारा नहीं बचा था। इस प्रकार से बीरबल ने एक बार फिर अपनी बुद्धिमता साबित कर दी।